Introduction of Statistics in Hindi (सांख्यिकीय का परिचय)
परिचय(Introduction):-
"सांख्यिकीय" शब्द लैटिन शब्द "Status (स्टेट्स)", इतालवी शब्द "Statista (स्टेतिस्टा)", जर्मन शब्द "Statistic (स्टैटिस्टिक)", तथा फ्रैंच शब्द "statistique (स्टेटिस्टिक)" से प्राप्त हुआ प्रतीत होता है, जो राजनीतिक राज्य से संबन्धित है।
प्रारंभिक वर्षो में "सांख्यिकी से आशय" उन आकड़ों से था जो राज्य से संबंधित लोगों के कल्याण के लिए एकत्र किए जाते थे। इससे देश के विभिन्न भागों में रहने वाले व्यक्तियों के विभिन्न समूहों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी एकत्र करने में मदद मिलती थी।
कौटिल्य ने चौथी शताब्दी B.C में चंद्रगुप्त के शासनकाल में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "अर्थशास्त्र" में जन्म और मृत्यु के अभिलेख और कुछ अन्य बहुमूल्य अभिलेख रखे थे। अकबर (सोलहवीं शताब्दी ईस्वी) के शासककाल के दौरान हमें कृषि पर सांख्यिकीय अभिलेख मिलते है - जिसे आइन - ऐ - अकबरी में अबू फजल द्वारा लिखा गया था।
मिस्र का जिक्र करते हुए कहा जाता है की पहली जनगणना फिरौन (Pharaoh) ने 300 B.C से 2000 B.C के दौरान कराई थी।
सांख्यिकी की पारिभाषा (Definition of Statistics):-
हम एकवचन अर्थो में या बहुवचन अर्थो में सांख्यिकी को परिभाषित कर सकते है। सांख्यिकी, जब बहुवचन संज्ञा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे आशय उन इकट्ठे किए गए संमको से है जो गुणात्मक या मात्रात्मक प्रकार के है एवं उन्हे सांख्यिकीय विश्लेषण के उद्देश्य से एकत्र किया गया है।
सांख्यिकीय को जब एकवचन संज्ञा के रूप में परिभाषित किया जाता है तो इससे आशय उस वैज्ञानिक विधि से होता है, जिन्हे संमको को इकट्ठा करने, प्रस्तुत करने एवं विश्लेषण करने के लिए प्रयुक्त किया गया है अत: सांख्यिकी गणना या औसतों का विज्ञान है।
सांख्यिकी का दायरा -
निम्न लिखित तीन प्रमुखो के तहत सांख्यिकी के दायरे का अध्ययन किया जाता है-
- सांख्यिकी की प्रकृति (Nature)
- सांख्यिकी के विषय (Subject Matter)
- सांख्यिकी की सीमाएं (Limitations)
(1) सांख्यिकी की प्रकृति (Nature)
सांख्यिकी की प्रकृति से, हमें यहा निर्धारित करना होता है की सांख्यिकी एक कला है या विज्ञान है। सांख्यिकी वैज्ञानिक तरीकों के विज्ञान को लागू करने की एक कला के रूप में माना जाता है। सांख्यिकी में, हम न केवल एक समस्या का अध्ययन करने के विभिन्न तरीकों का अध्ययन करते है बल्कि यह भी अध्ययन करते है की उन तरीकों को विभिन्न स्थितियों में कैसे लागू किया जाना चाहिए।
Tippett के शब्दों में, "सांख्यिकी एक विज्ञान और कला दोनों है। यह इस आशय में एक विज्ञान है, की इसके तरीके मूल रूप से व्यवस्थित है और उनके सामान्य अनुप्रयोग है, और एक कला इस आशय में है की सांख्यिकीय विधियों का सफल अनुप्रयोग, काफी हद तक सांख्यिकीय विद के कौशल (Skill) एवं अनुभव पर निर्भर करता है।"
(2) सांख्यिकी के विषय - वस्तु (Subject Matter)
सांख्यिकी के विषय -वस्तु को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है।
- वर्णनात्मक सांख्यिकी।
- असंहत या प्रेरक सांख्यिकी।
(क) वर्णनात्मक सांख्यिकी (Descriptive Statistics):-
वर्णनात्मक सांख्यिकी में वे सांख्यिकीय तरीके होते है जो हमें बताते है की समंकों की संरचना की विशेषताओं का वर्णन कैसे किया जाए। वे समंकों के संग्रह, सारणीकरण और प्रस्तुति और विभिन्न तरीकों से समंकों का वर्णन करने वाले उपायों की गणना के बारे में बताते है। वर्णनात्मक सांख्यिकी या तो एकचरीय या द्वी चरीय हो सकती है।
निम्नलिखित को एकचरीय वर्णनात्मक सांख्यिकी में शामिल किया गया है।
- आवृति वितरण
- केन्द्रीय प्रवृति के माप
- अपकिरण के माप अर्थात फैलाव
(ख) असंहत या प्रेरक सांख्यिकी (Inferential or Inductive Statistic):-
सांख्यिकी उन तरीकों से संबंधित हैं जहां एक बड़े समूह (population) के बारे में निष्कर्ष इसके एक हिस्से (sample) का अध्ययन करके तैयार किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, चावल के कुछ दानों की जांच करके एक गृहिणी यह अनुमान लगा लेती हैं कि पूरे बर्तन का चावल पका हैं या नहीं।
(3) सांख्यिकी की सीमाएं (Limitations)-
सांख्यिकी केवल एक समस्या के मात्रात्मक पहलू का अध्ययन करता है और इसके गुणात्मक पहलुओं का अध्ययन नहीं करता है। गुणात्मक पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से संख्याओं में बदलना होगा। इस रूपांतरण के बाद हम गुणात्मक पहलू का भी विश्लेषण करते हैं।
- सांख्यिकी औसत से संबंधित हैं।
- सांख्यिकी व्यक्तिगत ईकाईयों का अध्ययन नहीं करती है।
- सांख्यिकीय परिणाम लगभग सही होते हैं
- सांख्यिकीय परिणाम हमेशा संदेह से परे नहीं होते हैं
- सांख्यिकी केवल एक साधन हैं सांख्यिकी और अंत (साध्य) नहीं।
- सांख्यिकी का दुरुपयोग संमको के हेर – फेर से संभव हैं
- सांख्यिकी का उपयोग केवल विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए।
- सांख्यिकी अध्ययन ही केवल एकमात्र विधि नही होती। इन तरीकों से प्राप्त परिणाम को अन्य विधि से सत्यापित किया जाना चाहिए।
- सांख्यिकीय अध्ययन के लिए समंक समरूप और एक समान होना चाहिए।