प्रदा युक्तियाँ (Output Devices)

प्रदा युक्तियाँ (Output Devices)

CPU द्वारा प्रदत्त परिणामों की सूचना हमें प्रदा (Output) के द्वारा प्राप्त होती है अर्थात् वे साधन जिनसे हमें कम्प्यूटर द्वारा किये गये कार्य के परिणाम प्राप्त होते हैं, प्रदा के अंतर्गत आते हैं।  मुख्य आउटपुट डिवाइसें-

मॉनीटर (Monitor) या वीडीयू (VDU- Visual Display Unit)

यह कम्प्यूटर का वह भाग है जिसके द्वारा कम्प्यूटर की सूचनाओं व परिणाम को स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है जो अक्षरों, चित्रों, रेखाचित्रों या चलचित्रों के रूप में हो सकता है। इनको बनावट टीवी के समान होती है। मॉनीटर को दो आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है-

(a) तकनीकी आधार पर - कैथोड रे ट्यूब (CRT), लिक्विड क्रिस्टल डिसप्ले (LCD)।
(b) डिसप्ले के आधार पर - मोनोक्रॉम (Black & White), कलर मॉनीटर

कैथोड रे ट्यूब (CRT)

इस मॉनीटर में कैथोड रे अर्थात् इलेक्ट्रॉन बीम (electron beam) के द्वारा डिसप्ले प्राप्त किया जाता है। यह वास्तव में सामान्य टीवी स्क्रीन की तरह होता है।

लिक्विड क्रिस्टल डिसप्ले (LCD- Liquid Crystal Display)

इसमें दो परतों के बीच लिक्विड क्रिस्टल भरा होता है जिसे वोल्टेज द्वारा प्रभावित कर डिसप्ले प्राप्त किया जाता है। आजकल इसी मॉनीटर का ज्यादा प्रयोग किया जा रहा हैं।

मोनोक्रॉम मॉनिटर

श्वेत-श्याम (Black & White)  डिसप्ले वाले मॉनीटर को कहते हैं। 

कलर मॉनीटर

इसमें प्राथमिक रंगों (लाल, नीला, हरा) के मिश्रण के द्वारा रंगीन डिसप्ले प्राप्त किया जाता है। रंगों का डिसप्ले 16, 32 या 256 रंगों में हो सकता है। 

किसी भी मॉनीटर की गुणवत्ता दो आधारों पर प्रभावित होती है-

(i) पिक्सेल या डॉट (Pixel or Dot)- 

  • मॉनीटर पर प्रदर्शित चीजें छोटे-छोटे चमकीले बिन्दुओं से बनती है जिन्हें डॉट या पिक्सेल कहते हैं। ये पिक्सेल या डॉट जितने पास-पास स्थित होंगे चित्र उतना ही अच्छा होगा। इसे डॉट पर इंच (DPI-Dot per Inch) में मापा जाता है।

(ii) रिजोल्युशन और रिफ्रेश रेट (Resolution & Refresh Rate)- 

  • यह स्क्रीन पर बने पिक्सेल की गुणवत्ता तथा पिक्सेल में बदलाव की दर को व्यक्त करता है।

प्रिन्टर

मॉनीटर पर प्रदर्शित प्रदा सामग्री को मुद्रित रूप (हार्ड कॉपी) में प्राप्त करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है यह हार्डकॉपी प्रदान करने वाला डिवाइस है। इसके कई प्रकार होते है-

(1) इम्पैक्ट प्रिन्टर (Impact Printer) - 

यह टाइपराइटर की तरह पेपर और इंक रिबन पर दबाव डालकर प्रिन्ट करता है। 

(i) डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)-

इसमें एक प्रिंट हेड (Print Head) होता है जो स्याही लगे रिबन पर प्रहार करता है और कैरेक्टर उभर आते हैं। पर यह एक बार में एक ही कैरेक्टर प्रिन्ट कर सकता है।


(ii) डेजी होल प्रिंटर (Daisy Wheel Printer)- 

यह भी एक बार में एक ही कैरेक्टर प्रिंट करता है पर इसमें प्रिंट हेड की जगह डेजी ह्रील लगा रहता है जो गोल-गोल घूमकर अक्षर प्रिन्ट करता है।


(2) नान इम्पैक्ट प्रिंटर- 

इसमें स्याही का विद्युत या रासायनिक विधि से छिड़काव कर प्रिंट प्राप्त किया जाता है।

(i) थर्मल प्रिंटर (Thermal Printer)- 

इसमें एक बार में एक ही कैरेक्टर प्रिंट किया जा सकता है। इसमें रसायन युक्त कागज पर ताप के प्रभाव को डालकर वांछित आकृतियाँ प्राप्त की जाती हैं।

(ii) इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer)- 

इसमें स्याही की बॉटल (Cartridge) रहती है जिस पर विद्युत का प्रभाव डाला जाता है और स्याही की बुंदों को इस प्रभाव द्वारा जेट (head) की सहायता से कागज पर छोड़ा जाता है और वांछित आकृति प्राप्त की जाती है।

(iii) लेजर प्रिंटर (Laser Printer)- 

इसमें लेजर किरणों का प्रयोग किया जाता है। लेजर किरणों द्वारा प्रकाशीय ड्रम पर विद्युत आकृति बनायी जाती है और आवेशित स्याही टोनर जो ड्रम पर बने आकृति के विपरीत आवेशित रहता है, स्याही को कागज पर चिपका देता है और इस प्रकार वांछित आकृति प्राप्त हो जाती है। डेस्कटॉप पब्लिशिंग में आमतौर पर इसी प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है। 

(iv) प्लॉटर (Plotter)- 

  • ये विशिष्ट प्रकार के प्रिंटर हैं। 
  • इनके द्वारा चित्र, मानचित्र, नक्शे, ग्राफ आदि को अधिक शुद्ध व तेजी से मुद्रित किया जा सकता है।
  • इसका प्रयोग सामान्यतः इंजीनियरिंग, भवन-निर्माण, मानचित्र आदि में किया जाता है। 
  • प्लॉटर दो प्रकार के होते हैं- 
    1. ड्रम प्लॉटर, 
    2. फ्लेट बेड प्लॉटर।

स्पीकर (Speaker)

यह ध्वनि को आउटपुट के रूप में प्रस्तुत करने वाली डिवाइस है जिसका प्रयोग मल्टीमीडिया के साथ किया जाता है। 

Screen Image Projector

एक आउटपुट उपकरण जो कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देने वाली सूचना को बड़ी स्क्रीन पर प्रस्तुत करता है।

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