कम्प्युटर ग्राफिक्स (Computer Graphics)
कम्प्यूटर ग्राफिक्स, कम्प्यूटर द्वारा चित्र उत्पन्न, प्रस्तुत, फेर-बदल और डिस्प्ले करने का कार्य करते हैं। ग्राफिक्स मल्टीमीडिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह चित्र जानकारी चित्रित करने का शक्तिशाली जरिया है। उदाहरण के लिए छोटे बच्चों के पढ़ाने के लिए एक मल्टीमीडिया एप्लिकेशन में एक हाथी के टेक्स्चुअल विवरण के साथ उसका चित्र, उसे और भी प्रभावशाली बना देता है। बिना चित्र के केवल टेक्स्ट द्वारा यह समझना बहुत कठिन है कि हाथी कैसा दिखता है। उसी तरह एक कम्पनी के डेटाबेस में से एक कर्मचारी का नाम, एड्रेस, लिंग, आयु इत्यादि के साथ उसका चित्र कर्मचारी की जानकारी को और प्रभावशाली बना देता है।
ग्राफिक्स के प्रकार-
1. लाइन ड्राइंग-
यह 2D और 3D चित्रों के रूप में ड्राइंग और चित्र होते हैं जो चीजों को सरल गणितज्ञ रूप जैसे लाइन, गोलाकार, आर्क इत्यादि द्वारा बनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए कुर्सी का चित्र लाइन और आर्क द्वारा बनाया जा सकता है। संगणना से प्राप्त न्यूमेरिकल परिणामों को भी ग्राफिक रूप में जैसे बार ग्राफ या पाई चार्ट में सरल आकारों द्वारा दर्शाया जा सकता है। कम्प्यूटर ग्राफिक्स का क्षेत्र जो इस प्रकार के चित्रों के साथ कार्य करता है जेनरेटिव ग्राफिक्स कहलाता है। जेनरेटिव ग्राफिक्स को उदाहरण स्वरूप चित्र बनाने के लिए व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। उदाहरण प्रत्येक पिक्सल तीन भागों से बना होता है- लाल (R), हरा (G) और नीला (B) । डिस्प्ले स्क्रीन पर, पिक्सल का हर हिस्सा एक फॉसफर ग्लो करता है। RGB की भिन्न प्रबलता के संयोजन भिन्न रंग उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार की तस्वीरों में काम करता कम्प्यूटर के लिए इसी तकनीक का इस पुस्तक के अधिकांश चित्र बनाने के लिए प्रयोग किया गया है। जेनरेटिव ग्राफिक्स की दो महत्वपूर्ण एप्लिकेशन हैं CAD (कम्प्यूटर एडेड डिजाइन) और CAM (कम्प्यूटर एडेड मेन्यूफेक्चरिंग)। आजकल CAD पैकेज व्यापक रूप से एयरक्राफ्ट, जहाज, इमारत इत्यादि के मॉडल बनाने के लिए प्रयोग हो रहे हैं। इन्हें प्रिंटेड सर्किट बोर्ड केमिकल प्लांट पाइपलाइन इत्यादि के लेआउट बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इन चित्रों के आधार पर निर्माता जानकारी जैसे हिस्सों की सूची सबअसैम्बली की सूची इत्यादि स्वयं उत्पन्न होती है और CAM पैकेज द्वारा प्रयोग होती है। CAD और CAM पैकेजों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि डिजाइन के विचार तुरंत जाँचे जा सकते हैं और डिजाइन में बदलाव भी तुरंत लाए जा सकते हैं जिससे संबंधित हिस्सों के असैम्बली चित्र ठीक से बनाए जा सकते हैं।
2. इमेज-
यह पिक्सलों (पिक्चर एलीमेन्ट कम्प्यूटर स्क्रीन पर मापने की यूनिट) के समूह से बने चित्र और तस्वीरें होती हैं। चित्र दर्शाता है कि इस इमेज के पिक्सल टू डाइमेन्श्नल मेट्रिक्स में व्यवस्थित होते हैं। यह टू डाइमेन्शनल (या स्पेशियल) प्रदर्शन इमेज रेजोलूश कहलाता है। क्योंकि इमेज का स्टोरेज प्रदर्शन पिक्सल पर पिक्सल उसकी सीधी ट्रांस्लेशन होती है, कोई लाइन, गोलाकार या आर्क नहीं होती। ग्राफिक्स कॉगनिटिव ग्राफिक्स क ह लाता है । कॉनिटिव ग्राफिक्स, इमेज प्रोसेसिंग तकनीकों (जैसे इमेज कम्प्रेशन और डीकम्प्रेशन, नोएसी या धुंधली इमेजों की सफाई, इमेज एडिटिंग इत्यादि के साथ उन एप्लिकेशनों में व्यापक रूप से प्रयोग होता है जो चित्रों के वर्गीकरण और पहचान से जुड़ी हैं । उदाहरण के लिए इमेज डेटाबेस जिसमें लोगों के हाथों की छाप की इमेज है प्रायः अपराधिक जाँच में प्रयोग होते हैं। ऐसी ही एक अन्य एप्लिकेशन में ECG, विभिन्न हिस्सों के x- रे इत्यादि की इमेजों का वर्गीकरण होता है जिससे कम्प्यूटर द्वारा किसी मरीज की डॉक्टरी जाँच की जाती है।)
ग्राफिक्स की हार्डवेयर आवश्यकताएँ
कम्प्यूटर ग्राफिक्स में प्रायः निम्न हार्डवेयर डिवाइस होती हैं।
- एक लोकेशन डिवाइस (जैसे माउस, जॉयस्टिक और स्टाइलस) जो वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल से जुड़ी होती है, ड्राइंग सॉफ्टवेयर के साथ जेनरेटिव ग्राफिक्स एप्लिकेशनों के लिए प्राय: सीधे कम्प्यूटर स्क्रीन पर शुरू से चित्र बनाने के लिए प्रयोग होती है।
- एक फ्लैटबेड या चतुर्भुज कुऑर्डिनेट डिजिटाइजर भी जेनरेटिव ग्राफिक्स एप्लिकेशनों के लिए मौजूदा लाइन ड्राइंग (जैसे मैप आदि) कम्प्यूटर में डालने हेतु, इनपुट डिवाइस के रूप में प्रयोग होता है।
- स्कैनर (ऑप्टिकल स्कैनर इमेज स्कैन, डिजिटाइजर इत्यादि) प्राय: तस्वीरें और ड्राइंग डिजिटल इमेज के रूप में कॉग्निटिव ग्राफिक एप्लिकेशनों के लिए काम आता है।
- डिजिटल इमेज, डिजिटल कैमरा या फ्रेम कैप्चर हार्डवेयर, जैसे वीडियो कैप्चर बोर्ड जो किसी स्टैण्डर्ड स्रोत जैसे वीडियो कैमरा या वीडियो कैसेट रिकार्डर से जुड़ा हो, द्वारा सीधे भी ली जा सकती हैं।
- ग्राफिक डिस्प्ले क्षमता वाली कम्प्यूटर स्क्रीन ग्राफिक के डिस्प्ले के लिए प्रयोग होती हैं।
- लेजर प्रिंटर प्रायः हार्ड कॉपी रूप में ग्राफिक आउटपुट के लिए प्रयोग होते हैं।
- प्लॉटर भी हार्ड कॉपी रूप में ग्राफिक आउटपुट के लिए प्रयोग होते हैं।
ग्राफिक के लिए सॉफ्टवेयर की आवश्यकताएँ
मल्टीमीडिया कम्प्यूटर सिस्टम में बेहतर प्रस्तुति और ग्राफिक जानकारी के उत्तम उपयोग के लिए, निम्न ग्राफिक प्रॉसेसिंग क्षमताएँ वांछनीय हैं-
1. ड्राइंग और प्रिंटिंग सॉफ्टवेयर-
यह सॉफ्टवेयर यूजरों को माउस की सहायता से शुरू से ग्राफिक और विभिन्न रंगों से विभिन्न सरल आकार जैसे लाइन, गोलाकार और पॉलीगन बनाने में सहायता करता है। यह यूजरों को प्राप्त ग्राफिक इमेजों को स्कैनर और स्क्रीन कैप्चर सॉफ्टवेयर द्वारा मॉडिफाई और बेहतर बनाने में सहायता करता है।
2. स्क्रीन कैप्चर सॉफ्टवेयर-
हमें प्राय: डॉक्यूमेन्ट के कम्प्यूटर स्क्रीन में इमेज डालने की आवश्यकता पड़ती है। स्क्रीन कैप्चर सॉफ्टवेयर यूजरों को कम्प्यूटर स्क्रीन डिस्प्ले की तस्वीर ले उसे ग्राफिक इमेज के रूप में कैप्चर करने में सहायता करते हैं।
3. क्लिप आर्ट-
यह प्रायः प्रयुक्त होने वाली ग्राफिक इमेजों या चीजों की लाइब्रेरी है जैसे पर्सनल कम्प्यूटर, प्रिंटर, हवाई जहाज, टेलीफोन, फूल, इमारत इत्यादि। यह इमेज सीधे लाइब्रेरी से इम्पोर्ट कर मल्टीमीडिया एप्लिकेशन में प्रयोग की जा सकती है। यह बहुत समय और मेहनत बचाती है जो अन्यथा ऐसे किसी चित्र को बनाने या खोजने में व्यर्थ होता है। यह वहाँ भी सहायक है जहाँ स्कैनर या कम्प्यूटर में ग्राफिक डालने का अन्य कोई साधन उपलब्ध नहीं है। क्लिप आर्ट लाइब्रेरी प्रायः लाइब्रेरी में कोई नया इमेज आब्जेक्ट डालने या मौजूदा चित्र हटने की सुविधा भी प्रदान करती है।
4. ग्राफिक इम्पोर्टिंग-
ग्राफिक डाल कर मल्टीमीडिया एप्लिकेशन बनाने का कार्य बहुत हद तक तक सरल किया जा सकता है यदि एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर किसी स्टैण्डर्ड फॉरमैट में ग्राफिक इमेज कर सकता है। एक ग्राफिक इम्पोर्ट सॉफ्टवेयर यह संभव बनाता है। ऐसे सॉफ्टवेयर के द्वारा सामान्य ग्राफिक्स फारमैट, जो समर्थित करते हैं वे हैं, .BMP, .GIF और .PCX ।